धर्मेंद्र का जन्म एक मध्यमवर्गीय भारतीय परिवार में हुआ था।
इसलिए जब धर्मेंद्र पहली दफा फिल्मों में काम करने मुंबई आए थे तो इन्हें इस बात का हमेशा ध्यान रहता था कि पैसे बचाकर चलने हैं। धीरे-धीरे जब धर्मेंद्र को फिल्मों में काम मिलना शुरू हुआ तो काम के साथ थोड़ा पैसा भी आने लगा। पैसा आया तो इन्होंने एक फिएट कार खरीद ली। वो कार इन्होंने अट्ठारह हज़ार रुपए में खरीदी थी।
उस वक्त इनके छोटे भाई अजीत देओल भी इनके साथ ही थे। अजीत ने इनसे कहा कि पाजी, इससे बढ़िया कोई दूसरी कार खरीद लेते जो कम से कम देखने में अच्छी लगती।
तब धर्मेंद्र छोटे भाई अजीत से बोले,”अजीत। इस फिल्म इंडस्ट्री का कोई भरोसा नहीं है।
आज काम मिल रहा है। कल को ना मिला तो कम से कम फिएट को टैक्सी बनाकर चला तो लूंगा। टैक्सी में चलेगी तो जेब में पैसा आता रहेगा और यहां टिककर संघर्ष भी कर पाऊंगा। पैसे ना हुए तो घर लौटना पड़ जाएगा। किस मुंह से घर वापस जाऊंगा।