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Rajsthan में साइबर अपराधियों ने 3 साल में ठगे 1 अरब 65 करोड़ रुपये, 2 लाख फर्जी सीम और मोबाइल किए ब्लॉक
भरतपुर। प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश भर में आए दिन साइबर ठगी (Cyber Fraud) की वारदातें सामने आ रही हैं। डीग का मेवात क्षेत्र साइबर ठगी के लिए पूरे देश में बदनाम (Mewat area of Deeg is infamous in the entire country for cyber fraud) है। यही वजह है कि पूरे प्रदेश में राजस्थान पुलिस ने बीते 3 साल में साइबर ठगी में इस्तेमाल की जा रही 2,05,552 फर्जी सिमों को ब्लॉक कराया गया है। इसके साथ ही 2 लाख, 17,504 मोबाइल आईएमईआई हैंडसेट को ब्लॉक कराया गया है। प्रदेश में साइबर अपराध किस स्तर तक पहुंच गया है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते तीन साल में लोगों के साथ 1 अरब 65 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी (People cheated of more than Rs 1 billion 65 crore in three years) हो चुकी है। भरतपुर और डीग के मेवात क्षेत्र में साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस की ओर से एंटी वायरस अभियान (Anti virus campaign by police) के तहत लगातार कार्रवाई की जा रही हैं।
गृह विभाग के आंकड़ों की मानें तो 1 जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2023 के दौरान प्रदेश में साइबर ठगी के कुल 4,567 मामले दर्ज हुए, जिनमें से राजधानी जयपुर और जोधपुर के लोग सबसे ज्यादा ठगी का शिकार बने। इनमें जयपुर में ठगी के 906 मामले और जोधपुर में 516 मामले दर्ज हुए।
प्रदेश में बीते तीन साल के दौरान 2,05,552 फर्जी सिम और 2,17,504 मोबाइल आईएमईआई हैंडसेट ब्लॉक किए गए। इनमें से अधिकतर सिम और मोबाइल डीग जिले के मेवात क्षेत्र में ठगी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे। भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि डीग जिले के मेवात में बड़े पैमाने पर ब्लॉक किए गए सिम और मोबाइल पश्चिम बंगाल, उड़ीसा व अन्य राज्यों से यहां लाए गए थे। ये सभी सिम और मोबाइल फर्जी पते पर एक्टिवेट थे, जिनका इस्तेमाल लोगों के साथ ठगी की वारदातों में इस्तेमाल किए जा रहे थे।
भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि समूचे संभाग में साइबर अपराध और साइबर अपराधियों के खिलाफ 1 मार्च 2024 से ऑपरेशन एंटीवायरस चलाया जा रहा है। इसके तहत लगातार साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ऑपरेशन एंटीवायरस के तहत अब तक मेवात क्षेत्र समेत पूरे संभाग में कुल 116 एफआईआर दर्ज कर 406 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इतना ही नहीं, 39.69 लाख नकद, 802 मोबाइल, 1114 सिम, 283 एटीएम कार्ड, 10 माइक्रो एटीएम, 9 स्वाइप मशीन, 60 वाहन, 86 बैंक पासबुक, 123 चेकबुक, 10 लैपटॉप, 6 कंप्यूटर, 1 टैबलेट, 1 कैश काउंटिंग मशीन और 7 अवैध हथियार बरामद किए जा चुके हैं। आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि साइबर अपराधियों के खिलाफ आगे भी लगातार कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा क्षेत्र के लोगों को भी लगातार जागरूक कर युवाओं को अपराध की तरफ जाने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि फरवरी 2024 के आंकड़ों के अनुसार डीग जिले में पूरे भारत का 18 प्रतिशत साइबर अपराध हो रहा था, लेकिन बीते कुछ माह में डीग समेत पूरे संभाग में साइबर अपराध के खिलाफ अच्छी कार्रवाई की गई है। इसके बाद अब 14 जून के आंकड़ों के अनुसार डीग में साइबर अपराध घटकर सिर्फ 8 प्रतिशत रह गया है, यानी डीग जिले में 4 माह में साइबर अपराध में 10 प्रतिशत की कमी आई है।
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